योग क्या है :-योग हमारे शरीर की मांसपेशिया को अच्छा व्यायाम ही नहीं बल्कि हमारे शरीर को स्वस्थ और दिमाग को शांत रखती है। चिकित्सा अनुसंधान से पता चला है की योग मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों से अच्छे स्वास्थ्य को बनाये रखने में मदद करती है तथा तनाव से भी राहत देती है।
योग से बेहतर नींद, भूख और पाचन दुरुस्त करने में भी मदद करती है। इसे करने से चेहरा खिला खिला रहता है और शरीर को वजन मेंटेन रखने में भी मदद करती है। योग आधियात्मिक, शारीरिक और मानसिक प्रथाओं का एक समूह है जिसकी उत्पति प्राचीन भारत में हुई थी। योग का शाब्दिक अर्थ जोड़ना होता है । योग शारीरिक व्यायम ,मुद्रा {आसन },ध्यान सांस लेने की तकनीक और व्यायाम को जोड़ती है इस शब्द का अर्थ योग है।
योग क्यों जरुरी है :-आज के समय में लोगो का लाइफस्टाइल ऐसा हो गया है की उन्हें अपने लिए समय निकालना मुश्किल होता है, जरुरी है की वो अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखे ताकि किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या न हो । हम सभी अपने काम और लाइफ में संतुलन बनाने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सोसल सर्कल कम होना, स्क्रीन टाईम बढ़ने से लोग अनिंद्रा ,अवसाद
,कमजोर इच्छा शक्ति के शिकार हो रहे है । मेन्टल हेल्थ फाउंडेशन के अनुसार 51 फीसदी लोग तनाव का कारण उदासी है।
61 फीसदी लोगो ने चिंता महसूस करने की जानकारी दी , 1 फीसदी लोग खुद को नुकसान पहुंचाया है। ३२ फीसदी लोग खुद को नुकसान पहुंचाने का विचार पनपने लगा । ३७ फीसदी लोग अकेलापन मासूस करने की शिकायत की। 18 से 24 साल के उम्र के लोगो में
उच्च स्तरका तनाव महसूस किये। ये तनाव किस भी एजगुरुप के मुकाबले सबसे ज्यादा है ३६ फीसदी महिलाएं अपनी काया और काम के चलते तनाव में रहती है। पुरुष की की तादाद 23 फीसदी है । इसलिए योग हमारी जिंदगी का जरुरी हिंसा होना चाहिए
योगासन के नाम :- सूर्य नमस्कार अगर आप योग की शुरुआत कर रहे है तो इसके लिए सूर्य नमस्कार अभ्यास बेहतर है । सूर्य नमस्कार
का मतलब है सूर्य को नमन करना। यह आप को एक साथ 12 योगासन का फायदा देता है और इसे इसलिए सर्वश्रेष्ठ योगासन कहा जाता।
योग सुबह और शाम दोनों समय किया जा सकता। सुबह का समय योग करना अच्छा माना जाता है। शाम के समय योग कर रहे है तो खाना खाने के 3 घंटे बाद योग करें।
सूर्य नमस्कार के 12 योगासन के नाम और योग :- 1 योग प्रणामासन :-खुले मैदान में योग मेट के ऊपर सूर्य को नमस्कार करने के हिसाब
से खड़े हो जाये और दोनों हाथों को जोड कर सीने से सटा ले और गहरी लम्बी साँस लेते हुए आराम से खड़े हो जाय।
२ योग हस्त उत्तनासन :- पहली अवस्था में खड़े रहते हुए सांस लीजिए और हाथ को ऊपर की ओर उठाये। पीछे की ओर थोड़ा झुकें
इस बात का ध्यान रखे की दोनों हाथ कान से सटे हुए रहे। हाथो को पीछे ले जाते हुए शरीर को भी पीछे की ओर ले जाये।
3 योग पादहस्तासन :- हस्त उत्तनासन की मुद्रा से सीधे पादासन की मुद्रा में आना होता है। इसके लिए हाथो को ऊपर उठाते हुए आगे की और झुकें। ध्यान रखे की इस दौरान धीरे धीरे सांस को छोड़ना होता है , कमर से निचे की ओर झुकते हुए हाथो को पैरों के बगल में ले जाये ध्यान रहे की इस अवस्था में आने पर पैरों के घुटना मुड़े नहीं।
4 योग अश्व संचालनासन :- पादहस्तासन से सीधे उठते हुए सांस ले और बाएं पैर को पीछे की और ले जाये और दये पैर घुटने से मोड़ते हुए छाती के दाहिने हिस्से में सटाए। हाथो को ज़मीन पर पुरे पंजो को फैला कर रखे। ऊपर की ओर देखते हुए गर्दन को पीछे की ओर ले जाए।
5 योग दंडासन :-गहरी सांस लेते हुए दाये पैरों को भी पीछे की ओर ले जाएं और शरीर को एक सीध में रखे, हाथो पर जोर देकर इस अवस्था में रहे।
6 योग अष्टांग नमस्कार :- अब धीरे धीरे लम्बी गहरी सांस लेते हुए घुटनो को जमीनपर छुआए और सांस छोड़ दे । पुरे शरीर ऊपर थोड़ी छाती ,हाथ ,पैर को जमी पर छुआए और अपने कूल्हे के हिस्से को ऊपर उठाये।
7 योग भुजंगासन :- कोहनी को कमर से सटाते हुए हाथो के पंजे के बल से छाती को ऊपर की ओर उठाए। गर्दन को ऊपर की ओर उठाते हुए पीछे की ओर ले जाए।
8 योग अधोमुख शवासन:- भुजंगासन से सीधे इस अवस्था में आए। अधोमुख शवासन के चरण में कूल्हे को ऊपर की ओर उठाए लेकिन पैरोंकी एड़ी जमीन पर टिका कर रखें। अपने शरीर को v के आकार में बनाएं ।
9 योग अश्र्व संचालनासन :- अब एक बार फिर अश्र्व संचालनासन की मुद्रा में आए लेकिन ध्यान रहे की इस बार बायें पैर को आगे की और रखें।
10 योग पादहस्तासन :- अश्व संचालनासन मुद्रा से सामान्य स्थिति में वापस आने के बाद पादहस्तासन की मुद्रा में आए । इसके लिए हाथो को ऊपर उठाते हुए आगे की ओर झुकने की कोशिस करे। इस दौरान साँस को धीरे धीरे छोड़ना होता है कमर से निचे की ओर झुकते हुए हाथो को पैरों के बगल में ले जाये, ध्यान रहे की इस अवस्था में आने पर पैरों के घुटना मुड़े नहीं।
11 योग हस्तउत्तनासन :- पादहस्तासन की मुद्रा से सामान्य स्थिति में वापस आने के बाद हस्तउत्तनासन की मुद्रा में वापस आ जाये हाथ को ऊपर की और उठाये। पीछे की और थोड़ा झुकें। हाथो को पीछे की और ले जाते हुए शरीर को भी पीछे की और ले जाए।
12 योग प्रणामासन :- हस्तउत्तनासन की मुद्रा से सामान्य स्थिति में वापस के बाद सूर्य की तरफ चेहरा कर एक बार फिर प्रणामासन की मुद्रा में आ जाएं।