ओवेरियन कैंसर :- भारत नहीं बल्कि दुनिया भर में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कैंसर के बढ़ते मामले सभी के लिए चिंता का विषय है।सबसे अधिक महिलाओं में होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर है और सर्वाइकल कैंसर है इनके बाद तीसरे नंबर परओवेरियन कैंसर है। दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से कैंसर कई तरह का होता है. जैसे स्तन कैंसर, प्रोस्टेड कैंसर,लंग्स कैंसर, गर्भाशय कैंसर आदि। इनमें ओवेरियन यानी डिम्बग्रंथि कैंसर महिलाओं में काफी कॉमन है। जिसे की दुनिया भर में 8 मई को ‘वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे’ के नाम से मनाया जाता है। वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे पे महिलाओं को ओवेरियन कैंसर के बारे में जागरूक किया जाता है और उसके जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है जानकारी दी जाती है। बता दे की कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो दुनिया में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के मुताबिक कैंसर शरीर में कहीं भी शुरू हो सकता शरीर की कुछ कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं, जो कारण कैंसर का रूप ले लेती है।रिसर्च के मुताबिक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल 2019 की रिपोर्ट में ओवेरियन कैंसर भारतीय महिलाओं में तीसरा है और दुनिया भर में आठवां स्थान सबसे आम कैंसर है। फैक्ट शीट ग्लोबोकैन 2018 के अनुसार सभी कैंसर के मामलों के 3.44 प्रतिशत मामले ओवेरियन कैंसर के होते हैं। ओवेरियन कैंसर भारतीय महिलाओं में कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण बन गया है। भारत में कैंसर से होने वाली 3.34 प्रतिशत कुल मौतों है।
ओवेरियन कैंसर या अंडाशय कैंसर कैसे होता है :-
ओवेरियन कैंसर को अंडाशय कैंसर या यूट्रस कैंसर भी कहा जाता हैं। ये कैंसर होने पर अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बनते हैं। बता दे की एक महिला में दो अंडाशय होते हैं जिसमें से एक अंडाशय गर्भाशय के बायीं और दूसरा दायीं तरफ स्थित है। अंग्रेजी में अंडाशय को ओवरी कहते हैं। ओवेरियन कैंसर अंडाशय में शुरू होता है। महिलाओं के लिए अंडाशय प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग है।और अंडाशय का आकार लगभग एक अखरोठ के आकार जितना होता है। प्रजनन के लिए अंडाशय अंडों का उत्पादन करता है। अंडाशय में अंडे उत्पन्न और परिपक्व होने के बाद बाहर निकल कर फैलोपियन ट्यूब में चले जाते हैं। फैलोपियन ट्यूब में जाने के बाद पुरुष स्पर्म अंडो को निषेचित यानी फर्टिलाइज करता है। निषेचित अंडा गर्भाशय बच्चेदानी यांनी यूट्रस में प्रवेश कर जाता है। एक भ्रूण Embryo में विकसित होता है। अंडाशय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का मुख्य स्रोत है।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण हैं :- पेट फूलना या सूजन ,श्रोणि क्षेत्र में दर्द या दबाव महसूस करना ,भोजन करते समय जल्दी पेट भरा हुआ महसूस होना।, वजन घटना।,पेल्विक क्षेत्र में असुविधा थकान। ,पीठ दर्द। आंत्र की आदतों में परिवर्तन, जैसे कब्ज योनि से सामान्य या असामान्य ब्लीडिंग होना ,बार बार पेशाब महसूस होना ,ओवेरियन कैंसर के लक्षण में ये सब महिलाओं में देखा जा सकता है।
ओवेरियन कैंसर के उपचार :- ओवेरियन कैंसर के उपचार कई प्रकार से किया जा सकता है। कैंसर विशेषज्ञ सर्जरी, हार्मोन थेरेपी, कीमोथेरेपी, सर्जरी या दवाएं के साथ कीमोथेरेपी का प्रयोग करते हैं। ओवेरियन कैंसर का उपचार करने के लिए रेडियोथेरेपी का कभी कभी उपयोग किया जा सकता है। कुछ उपाय हैं जिनका पालन कर महिला खुद में ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम कर सकती है। जैसे में नियमित रूप से रक्त-कैल्शियम दर की जांच कराएं ,ट्यूबल लिगेशन और हिस्टेरेक्टॉमी से ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है,नशीले पदार्थ जैसे कि सिगरेट या शराब आदि के सेवन से ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ता है, इन सभी से परहेज कर खुद को इन बीमारी से बचाया जा सकता है। नियमित रूप से व्यायाम या योग करने से स्वस्थ वजन बनाए रखने से इस बीमारी की संभावना कम होती है ,गर्भनिरोधक गोलियां ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम करती हैं। विशेषज्ञ का मानना है कि गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन बंद करने के 30 साल बाद भी ओवेरियन कैंसर का खतरा कम होता है।,महिला के परिवार में कॉलन कैंसर, यूटेराइन कैंसर या प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास है तो उन महिला को खुद में ओवेरियन कैंसर के लक्षणों का ध्यान रखना चाहिए। उन महिला नियमित रूप से खुद का जांच करवाते रहना चाहिए।