बिहार में कोसी का कहर जिस वजह से बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है कई नदियों के तटबंध टूट गयी है। बिहार में बाढ़ के कारण 13 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। नेपाल से बहते हुए कोसी, गंडक, कमला, बागमती आदि नदियों का पानी ने बिहार को डुबो दिया है। नेपाल बैराज से पानी छोड़ा के कारण से निचले हिस्सों में तो बाढ़ का पानी फैल भी चुका है। प्रशासन ने लोगों को ऊंची जगहों पर जाने की चेतावनी दिया गया है, जिसके कारण लोग अपने घर छोड़ रहे हैं. उत्तर बिहार में जल प्रलय की आहट ने लोगों को दहशत में डाल दिया। इस बाढ़ से 16 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बिहार के कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध टूट गया हैं, जिसकी वजह से आपातकालीन प्रबंध किए जा रहे है।
नेपाल बैराज से पानी छोड़ा गया
कोसी नदी पर बीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है , गंडक पर बने वाल्मिकीनगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जो की बिहार के लिए खतरा बन गया है। सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कोसी बैराज के पास यातायात रोक दिया गया है।
कोसी नदी पर बीरपुर बैराज से1968 में अधिकतम 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया था। 2024 में 56 सालों में सबसे अधिक डिस्चार्ज किया है .
बिरौल और कुशेश्वरस्थान क्षेत्र में बाढ़ का पानी
रविवार देर रात दरभंगा जिले के जमालपुर थाना के अंतर्गत भूभोल इलाके में कोसी नदी पर बना पश्चिमी तटबंध टूट गया है। तटबंध टूटने के बाद कोसी नदी का पानी तेजी से दरभंगा के लाखों लोगों के लिए खतरा बन गया। तटबंध के टूटने के बाद कोसी नदी का पानी दरभंगा के बिरौल और कुशेश्वरस्थान क्षेत्र में काफी तेजी से फैल रहा है। हजारों की आबादी अपने-अपने घरों को छोड़कर सड़क पर असर लिया है। इस हजारों की आबादी में बुजुर्ग, पुरुष ,महिलाएं, छोटे बच्चे और मवेशी सहित सभी सड़क पर आसरा लिए हैं। जमालपुर थाना दरभंगा कोसी नदी का पानी के कारण से दरभंगा के कई इलाकों में फैलने से हजारों की आबादी अपने घरों में फंस गई है।