बिहार में बाढ़ का कहर जिधर देखो पानी ही पानी नजर आ रहा है कई घर पानी में तिनके की तरह समां गयी गई और कितने घरो में पानी भर गया है। वहां रहरहे लोग अपने छत या ऊंचे स्थान पर चले गए सड़को पर अपना बसेरा बना लिया है। बिहार में बाढ़ का आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक बागमती, महानंदा गंडक, कोसी, और नदियों में जलस्तर बढ़ने से 18 जिला बाढ़ से प्रभावित हुए है। बाढ़ प्रभावित 18 जिलों में है – मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, अररिया, किशनगंज पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण, कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा , गोपालगंज, सारण और खगड़िया जिला शामिल है। 18 जिलों के 88 प्रखंडों में 479 पंचायत बाढ़ के चपेट में आगयी है। बाढ़ के कारण फसल भी पानी में दुब गया है पशु को भी खाने की कमी हो गयी है। मुख्यमंत्री नितीश कुमार आज बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लगे और पीड़ित परिवार से बात करेंगे
बिहार में बाढ़ पीड़ितों को राहत
बिहार में बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचने का हर कोशिस कर रहे है। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री भारतीय वायुसेना ने हेलीकॉप्टरों के जरिए खाने के पैकेट और अन्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 33 टीमों को बचाव और राहत कामों में लगाया गया है। लगभग 975 नावों बाढ़ प्रभावित जगहों पर चलायी गयी है और जल संसाधन विभाग द्वारा बाढ़ सुरक्षा के उपाय किए जारहे है।कई बाढ़ पीड़ितों को अब भी सरकार द्वारा कोई रहर नहीं मिल पा रही है। नदियों में उफान आने की वजह से सब से ज्यादा नुकसान दरभंगा और
सीतामढ़ी को हुआ है। इन जगहों पर आना जाना बंद हो गया है और इन जगहों पर भारतीय वायुसेना द्वारा हेलीकॉप्टरों के जरिए सूखा राशन का पैकेट को बता जा रहा है। इस इलाके में जिला प्रशासन के द्वारा 451 सामुदायिक रसोई सेंटर चलाए जा रहे है, जिसकी मदद से लगभग ढाई लाख से ज्यादा लोगों को खाना मिल सके। इनके आलावा 14 शिविर का संचालन किया गया है। ताकि बाढ़ पीड़ितों को शरण मिल सके। इन शिविर में लगभग 6350 बाढ़ पीड़ितों ने शरण लिया है।बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक 146300 पॉलीथिन शीट और 115900 ड्राई राशन पैकेट का वितरण किया गया है।