बिहार आएं और राजगीर न घूमे तो कुछ नहीं घूमे

राजगीर :- राजगीर पांच पहाड़ियों से घिरा एक खूबसूरत जगह है। राजगीर में घूमने के लिए अच्छी अच्छी जगह है। पांच पहाड़ियों के बीचों बिच बसा है राजगीर पौराणिक साहित्य के अनुसार ब्रह्मा की पवित्र यज्ञ भूमि ,संस्कृति और वैभव का केंद्र भी था राजगीर । राजगीर जैन धर्म के 20वें तीर्थकर मुनि सुव्रतनाथ स्वामी का जन्म, तप , ज्ञान एवं 24वें तीर्थकर महावीर स्वामी जी के प्रथम शिक्षा और उपदेश स्थल भी था।

भगवान बुद्ध के साधना भूमि भी राजगीर है । पांच पहाड़ियों के बीच बसा राजगीर भारत का सबसे पवित्र स्थल है। यह राजगीर मगध भारत के बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और पवित्र नगर है। राजगीर कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। राजगीर बिहार के टूरिस्ट स्पॉट में से एक है इस सहर की दूरी पटना से करीब 94 किलोमीटर है। यहाँ हर रोज सैकड़ों लोग घूमने और प्रकृति का आनंद लेने आते है। राजगीर का इतिहास द्वापरकाल से भी जुड़ा हुआ है।

पौराणिक कथा के मुताबिक राजगीर के सिद्धनाथ मंदिर का निर्माण जरासंघ ने करवाया था। राजगीर बौद्ध और जैन धर्म के लिए ख़ास है। राजगीर में हर तीन साल पर मलमास का मेला भी लगता है, मलमास मेला की शुरुआत साधु -संतों के 33 कोटि देवी देवताओं के आह्वान के साथ होती है। मान्यता है कि अधिमास या मलमास के दौरान 33 कोटि के देवी देवताओं का वास पौराणिक और ऐतिहासिक नगर राजगीर में होता है।

राजगीर में घूमने की जगह कौन कौन सी है उनके बारे में जाने :-

1.  घोड़ा कटोरी झील  :-  तीन तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है |इस झील के बीचों बीच में भगवान गौतम बुद्ध का एक विशाल प्रतिमा है जो करीब 70 फीट उची है जो इस झील की खूबसूरती को और बढ़ा देता है।

पौराणिक कहानियों के अनुसार घोड़ा कटोरी झील के पास राजा जरासंघ का घुड़शाल हुआ करता था। इसी कारण इस जगह का नाम घोड़ा कटोरी झील पड़ गया। मीठे पानी वाला यह झील बहुत खूबसूरत है। इस खूबसूरती को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। अगर आप राजगीर जा रहे है तो घोड़ा कटोरी झील घूमने जरूर जाये।

2. ग्लास ब्रिज { Glass Bridge }:- राजगीर के ग्लास ब्रिज को देखने पर ऐसा लगता है मानों ब्रिज आपको जन्नत के खूबसूरत नजारे दिखाने के लिए ले जा रहा है। इसे हाल फ़िलहाल में पर्यटकों के लिए बनाया गया है | ग्लास ब्रिज का उद्घाटन मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने सन 2020 में किया। चारो ओर से पहाड़ियों से घिरा पुरे कांच का बना ब्रिज है । इस ब्रिज पर एक बार में 40 लोगों को जाने की अनुमति है ।

इस ग्लास ब्रिज को देखने और इसपे सैर करने अधिक संख्याओं में पर्यटक राजगीर आते हैं | ग्लास ब्रिज पर चलने का एक अलग ही अनुभव का एहसास होते है |

आवश्यक जानकारी :- अगर आप ग्लास ब्रिज घूमने जा रहे है तो जाने से पहले ऑनलाइन टिकट अवश्य करवा ले। काउंटर पर टिकट ख़त्म हो जाती है। ग्लास ब्रिज सोमवार को बंद रहती है

3. विश्व शांति स्तूप :- विश्व शांति स्तूप सफेद रंग का एक विशाल स्तूप है. इस स्तूप के अंदर एक छोटा सा जापानी बौद्ध मंदिर है. इसके अंदर एक बड़ा पार्क भी मौजूद है। विश्व शांति स्तूप को जापानी स्तूप भी कहा जाता है. यह मंदिर हिंदू और बौद्ध धर्मो के लोगो के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है | विश्व शांति स्तूप राजगीर के गिद्धकूट पर्वत पर बना हुवा है | इस मंदिर के दर्शन के लिए रोपवे और सीढ़ियां दोनों की सुविधा है | यहाँ घूमने देश विदेश से लाखो लोग आते हैं ।

4. वाइल्डलाइफ सफारी :- राजगीर वाइल्डलाइफ सफारी में आपको कई अन्य प्रकार के वन्य जीव और पक्षी देखने को मिलेगे। इस जगह पर आप बाघ, हिरन, लाकर्बग्घा, चिता, भालू, शेर ,तेंदुआ इत्यादि जानवर देख सकते हैं। कई ऐसे भी पक्षियां हैं, जो विलुप्त होने के कगार पर है।

वाइल्डलाइफ सफारी वर्तमान समय के एक प्रमुख स्थल में से एक है। यहाँ आनेवाले देश विदेश से लोग एक बार जरूर घूमते है यह जगह शांत वातावरण और हरा भरा भी है।

रोपवे :- राजगीर रोपवे में यात्री को जमीन से 1,000 फीट से अधिक ऊँची पहाड़ियों पर ले जाती है। राजगीर रोपवे भारत का सबसे पुराना रोपवे है। रोपवे लाइन एक साहसिक और रोमांचकारी सफर है जोकि पर्यटकों को प्राकृतिक स्थान रत्नागिरि हिल के शीर्ष तक ले जाती है।
जहाँ विश्व प्रसिद्ध शांति स्तूप स्थित हैं , जिसे शांति पैगोडा के नाम से भी जाना जाता है।

5. ब्रह्म कुंड राजगीर :- ब्रह्म कुंड का पानी पुरे शाल गर्म रहता है। इस कुंड में स्नान करना पवित्र माना जाता है | यह पानी पहाड़ों के अंदर से आता है यहाँ पर लोग जाने के बाद अधिक संख्या में स्नान करते है। इसे लेकर ऐसी मान्यता है कि इस कुंड का निर्माण भगवान ब्रह्मा ने करवाया था। हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक बह्मा के पुत्र बसु ने यहां पर एक यज्ञ करवाया था। इस दौरान देवी-देवताओं को एक ही कुंड में स्नान करने में जब दिक्कत होने लगी थी तब बह्मा ने इस कुंड का निर्माण करावाया था ।

6. सोनभंडार गुफाएं :- राजगीर में प्राचीन गुफाएं है जिसे सोनभंडार गुफा कहते हैं, कहा जाता है कि सोनभंडार गुफा भगवान विष्णु के खजाने छिपाने के स्थान हैं। गुफाओं में भगवान विष्णु की जटिल नक्काशी है जो की पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय है।

7. सारिपुत्र का स्तूप :- सारिपुत्र बुद्ध के मुख्य शिष्यों में से एक थे। सारिपुत्र का अंतिम विश्राम स्थल सारिपुत्र का स्तूप है। कहा जाता है स्तूप के अंदर सारिपुत्र की हड्डियों की रक्षा और भंडारण किया जाता था । सारिपुत्र बुद्ध के नक्शेकदम पर चलते हुए मोक्ष प्राप्त करने के बाद बेहद लोकप्रिय हो गए थे । आज सारिपुत्र का स्तूप अपनी उत्कृष्ट बौद्ध स्थापत्य शैली और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। सारिपुत्र का स्तूप राजगीर शहर के केंद्र से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर मौजूद है।

 

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