आईये जाने बिहार में बाढ़ का खतरा किन किन जिलों में ?

जल संसाधन विभाग ने बिहार में बाढ़ के खतरे को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है। जल संसाधन विभाग के अनुसार गंडक और कोसी नदियों के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के प्रधान सचिव ने सुपौल जिला के प्रशासन के लिए अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने बिहार के कुछ हिस्सों में अगले 24 घंटों में राज्य के 13 जिलों में अचानक बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है। बिहार के इन हिस्सों में पूर्वी चंपारण,पश्चिमी चंपारण, मुज़फ़्फ़रपुर, गोपालगंज, सीवान, सीतामढ़ी, शिवहर,सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर जिलों में भारी बारिश की संभावना है। नेपाल में भी हो रही लगातार बारिश की कारण से कई जिलों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सुपौल में स्थित वीरपुर बैराज से 6 लाख 81 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने संभावना के कारण बाढ़ आने की सम्भावना और वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बैराज से 6 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने की संभावना है। अगले दो से तीन दिनों में पानी का जलस्तर काफी ऊपर हो सकता है। नेपाल सीमावर्ती सुपौल जिलें में कोसी नदी में भीषण बाढ़ की संभावना के मद्देनजर जल संसाधन विभाग सुपौल, सहरसा, मधेपुरा,दरभंगा, खगड़िया, मधुबनी, भागलपुर और कटिहार जिले के डीएम, एसएसपी, एसपी को भी पत्र जारी किया है।

जल संसाधन विभाग की सुचना
बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग की तरफ से दी गयी जानकारी के अनुसार नेपाल में भारी बारिश जारी है। जिसके चलते अगले 48 घंटों के दौरान नेपाल से निकलनेवाली गंडक, कोशी, महानंदा आदि नदियों में आकस्मिक पानी आने की संभावना है। जल संसाधन विभाग के बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केन्द्र पटना द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 28 सिंतबर रात 12:00 बजे के लगभग वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज से 6.00 लाख क्यूसेक 28 सितंबर दोपहर 12:00 बजे के लगभग वीरपुर स्थित कोशी बराज से 6.81 लाख क्यूसेक पानी आने की संभावना है, जो अबतक का सर्वाधिक होगा। इन हालातों के नजर में रखते हुए जल संसाधन विभाग की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक की गई है । इस बैठक में अभियंता प्रमुख, बाढ़ नियंत्रण ,जल निस्सरण , मुख्यालय सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित हुए थे । इस बैठक में विभाग द्वारा सभी क्षेत्रीय अभियंताओं को तटबंधों / संरचनाओं के सुरक्षा के दृष्टिकोण से आगामी 48 घंटों तक संवेदनशील / अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैम्प करने का निर्देश दिया हैं है।

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