हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दिल्ली की हवा में घुला प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच गया ह। जिस कारण से लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैऔर साथ ही स्वास्थ् से जुड़ी समस्याएं भी लोगों को परेशान कर रहीं हैं। दिल्ली और दिल्ली के आस-पास के इलाकों में सर्दियों के महीनों में PM2.5 कणिका तत्व का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ जाता है, जिसका मुख्य कारण पराली जलाना ,पटाखों का धुआँ और वाहनों से निकलने वाला धुआं के कर एक महीन कण निकलती है यही महीन कण स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा करते है।
खास कर दिवाली के त्योहार के बाद पटाखों के कारण काफी ज्यादा प्रदूषण होता है। इस वर्ष दिवाली के आठ दिन बाद भी, वायु गुणवत्ता सूचकांक ( air quality index ) बहुत खराब स्तर में बना हुआ है, जो इस इलाके में PM2.5और PM10 की इस मौसम में खतरनाक स्थिति को दर्शाता है.
दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए ड्रोन का इस्तमाल
प्रदूषण से पिछले कुछ दिनों आंखों में जलन, सांसों में घुटन दिल्ली और अन्य इलाकों में बुड़ा हल है। इस वजह से शुक्रवार को आनंद बिहार इलाके में प्रायोगिक तौर पर ड्रोन से पानी का छिड़काव किया गया था । आनंद विहार शहर के सबसे अधिक प्रदूषित इलाकों में से एक है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया था कि परीक्षण में प्रयुक्त ड्रोन 15 लीटर तक पानी ले जा सकते हैं और वायु में उपस्थित प्रदूषकों को नियंत्रित करने के लिए इसे छोड़ सकते हैं, विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले तथा दुर्गम क्षेत्रों में। दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट पर प्रदूषण का स्तर सामान्य से ज्याद बढ़ जाता है। गोपाल राय ने कहा था की वर्तमान में दिल्ली में 200 से अधिक एंटी-स्मॉग गन तैनात हैं, जिनसे हवा की धूल को कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता है और आगे पर्यावरण मंत्री ने कहा कि यदि हमें परीक्षण के अच्छे परिणाम मिलेंगे तो और ड्रोन खरीदने के लिए औपचारिक निविदाएं जारी करेंगे।
दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट पर प्रदूषण इलाके : दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट पर प्रदूषण इलाके में अत है आरकेपुरम, ओखला, बवाना, विवेक विहार, आनंद विहार,मुंडका, वजीरपुर,जहांगीरपुरी, नरेला,रोहिणी , अशोक विहार, द्वारका और पंजाबी बाग हैं, ये सारे इलाके रेड जोन में हैं।