पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर पिछले कई दिनों से जारी हिंसक प्रदर्शन चल रही थी। सोमवार को निर्णायक मोड़ ले लिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपनी कुर्सी छोड़ने के साथ ही देश भी छोड़ना पड़ गया है. प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ही शेख हसीना चॉपर में सवार होकर ढाका से निकली है। PM शेख हसीना का चॉपर भारत केUP में स्थित गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर लैंड हुआ है। जानकारी नहीं है। बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनकरियो ने PM शेख हसीना की इस्तीफा की मांग कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार , शेख हसीना के विमान की ईंधन भरी जाएगी , refuelling के बाद वह लंदन जाएंगी।
प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे का वजह
बांग्लादेश में आरक्षण की एक चिंगारी देखते ही देखते आग बनकर धधकने लगी थी और प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया था। PM शेख हसीना ने हिंसा और विरोध के बाद इस्तीफा दे दी इस्तीफा के बाद
सेना ने मोर्चा संभाला। चीफ वकर-उज-जमान बांग्लादेश के आर्मी ने ऐलान किया है कि देश में सेना अंतरिम सरकार बनाएगी। सेना के प्रमुख ने लोगों से शांति बनाए रखने की बात कही और प्रदर्शनकारियों की बात पर विचार करने की बात कही है। बांग्लादेश देश में 1जुलाई से स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में दिए गए आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन की शुरुआत की गयी थी। कहा जा रहा की पांच जून को ढाका हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के लिए आरक्षण की व्यवस्था को फिर से लागू करने का आदेश दिया था। यही वो बड़ी कारण बनी थी जिसके बाद पूरे बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर विद्रोह शुरू हो गया था। विरोध इतना बढ़ा कि हालात तख्तापलट हो गया PM शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा।
बांग्लादेश देश के शहरों में व्यापक विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश देश में आरक्षण को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन शहरों में देखने को मिला था। हालात इतना बेकाबू हो गया था। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गयी इस झड़प में 300 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी। प्रदर्शनकारियों का कहना ये था कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था सरकारी सेवाओं में मेधावी छात्रों के नामांकन को काफी हद तक रोक रही है। शुरुआती दिनों में प्रदर्शन काफी शांतिपूर्ण तरीके से छात्रों के द्वारा किया जा रही था लेकिन बाद में इस आरक्षण प्रदर्शन में विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी समेत कई विपक्षी दलों की भी एंट्री हो गई थी । इसके बाद से ही विपक्ष के छात्र संगठनों और सत्ता पक्ष के छात्र संगठनों में हुई झड़पों के बाद प्रदर्शन हिंसक में बदल गया था ।