Christmas 2023: क्रिसमस कब है और इसे कैसे मनाएं

Christmas 2023:   25 दिसम्बर 2023 दिन सोमवार को क्रिसमस मनाया जायेगा।
भारत में क्रिसमस पर्व:-भारत में ढाई फीसदी ईसाई लोग रहते हैं, लेकिन यहाँ इस पर्व को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। खासकर गोवा में कुछ लोकप्रिय चर्च हैं, जहां पर क्रिसमस बहुत जोश और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इनमे अधिकांश चर्च भारत में ब्रि‍टिश और पुर्तगाली शासन के दौरान स्थापित किए गए थे।
क्रिसमस, ईसाई धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है। अपने आप में यह त्यौहार इतना व्यापक यानि फैला है कि दुनियाभर में इसे अन्य धर्म के लोग भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं।

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को दुनिया भर में लोग क्रिसमस मनाते हैं और उसे संजोते हैं। इसलिए इस पर्व को धार्मिक कहने की बजाय सामाजिक कहना ज्यादा बेहतर होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ के आंकड़ों के अनुसार, विश्व के करीब डेढ़ सौ करोड़ लोग ईसाई धर्म के अनुयायी हैं।

क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहते हैं। इस त्यौहार की तैयारियाँ भी बड़ी धूमधाम के साथ की जाती है । इस पर्व को क्रिश्चियन यानी ईसाई मनाते है। ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ईसा मसीह को ही यीशु भी कहा जाता है। ईसा मसीह ईसाईयों के ईश्वर हैं। इसलिए क्रिसमस डे पर गिरजाघरों यानी चर्च में प्रभु यीशु की जन्म गाथा की झांकियाँ भी बनायीं जाती हैं और गिरजाघरों में प्रार्थना की जाती है। इस दिन ईसाई धर्म के लोग चर्च में एकत्रित होकर प्रभु यीशु की आराधना करते हैं। लोग एक दूसरे को हैप्पी क्रिसमस और मेरी क्रिसमस की बधाईयाँ देते हैं।

क्रिसमस पर्व को मनाने का सही तरीका :-क्रिसमस बड़ा पर्व है इसलिए इसकी तैयारियाँ भी बड़ी होती हैं। क्रिसमस ट्री , सेंटा, ग्रीटिंग्स कार्ड और बाँटे जाने वाले उपहार इस पर्व के मुख्य तत्व हैं। क्रिसमस का पर्व आते ही लोगों में इसे लेकर उत्साह बढ़ता देखा जाता है। लोग अपने मित्रों और परिजनों को कार्ड अथवा कोई सौगात देकर अपनी शुभकामनाएँ भेजते हैं। क्रिसमस कार्ड डे के रूप मे भी मनाया जाता है।
क्रिसमस बड़ा पर्व है इसलिए इसकी तैयारियाँ भी बड़ी होती हैं। क्रिसमस ट्री , सेंटा, ग्रीटिंग्स कार्ड और बाँटे जाने वाले उपहार इस पर्व के मुख्य वस्तुएं हैं। क्रिसमस का पर्व आते ही लोगों में इसे लेकर उत्साह बढ़ता देखा जाता है। लोग अपने मित्रों और परिजनों को कार्ड अथवा कोई सौगात देकर उन तक अपनी शुभकामनाएँ भेजते हैं। क्रिसमस कार्ड डे को हर साल नौ दिसंबर को मनाया जाता है।

सेंटा क्लॉज क्या है :-क्रिसमस के मौक़े पर बच्चे सेंटा क्लॉज का इंतज़ार बेसब्री से करते हैं। क्योंकि सेंटा बच्चों को उपहार देता है। ऐसी मान्यता है कि सेंटा क्लॉज की इस प्रथा संत निकोलस ने चौथी या पांचवी सदी में शुरू की। संत निकोलस एशिया माइनर के पादरी थे। वे बच्चों और नाविकों से बहुत प्यार करते थे।संत निकोलस क्रिसमस और नववर्ष के दिन गरीब-अमीर सभी को खुश देखना चाहते थे। उनसे जुड़ी हुई कई कथाएँ और कहानियों सुनने को मिलती हैं।

क्रिसमस ट्री -क्रिसमस डे पर क्रिसमस ट्री का बहुत बडा़ महत्व है। यह बालसम या फिर फर का वृक्ष होता है जिसे क्रिसमस डे पर अच्छी तरह सजावट की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में मिस्र वासियों, चीनियों और हिबूर लोगों ने सबसे पहले इस परंपरा की शुरुआत की थी। उनका विश्वास था की इन पौधों को घरों में सजाने से घर में नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं। हालाँकि आधुनिक क्रिसमस ट्री की शुरुआत जर्मनी में हुई थी। जहाँ इस पेड़ को स्वर्ग का प्रतीक माना गया है।

क्रिसमस डे का संदेश:-क्रिसमस का त्यौहार शांति और सदभावना का संदेश देता है। चूँकि बाइबल में यीशु को शांति का दूत बताया गया है।

Load More Related Articles
Load More By Mili Patwey
Load More In National
Comments are closed.

Check Also

हरतालिका तीज 2024 : इस वर्ष हरितालिका तीज कब मनाई जाएगी

भाद्रपद मास के तृतीया तिथि की शुरवात हिंदू पंचांग के अनुसार 5 सितम्बर 12 बजकर 21 मिनट से 6…