18 सितम्बर 2023 दिन सोमवार को तीज है , जो हरितालिका तीज के नाम से जाना जाता है. भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है | तृतीया तिथि की शुरुआत 17 सितम्बर दिन रविवार 11 बजके 8 मिनट को हो रही है।
18 सितम्बर दोपहर 12 बजके 39 मिनट तक तृतीया तिथि रहेगी उदय तिथि के अनुसार हरतालिका तीज 18 सितम्बर 2023 को मनाया जायेगा |
इस व्रत को महिला अपने पति की लम्बी आयु की कामना के लिए रखती है | महिला व्निर्जला उपवास रखती। इस व्रत को कई जगहों पर लड़किया भी करती है।
पूजा सामग्री :- कलश ,बेलपत्र, नारयल, पान का पता,कपूर ,धतूरा ,घी ,शहद ,गंगाजल ,सुपारी ,अक्षत का चावल ,सिंदूर चंदन ,कलावा ,जनेऊ ,धुप ,दीप ,कपूर दूर्वा ,पांच तरह का फल ,सिंगार का सामान।
सिंगार का सामान :-चूड़ी ,सिंदूर ,महेंदी ,महावर ,बिंदी, कंघी,सीसा यानि छोटा आईना ,काजल आदि।
पूजा की शुरवात :- हरतालिका तीज के एक दिन पहले नाहाय खाय होता है तीज के सुबह सूर्योदय से पहले सरगयी किया जाता है। इस दिन महिला नये साड़ी ,लहँगा या सूट सलवार पहनती है। तीज के दिन महिला अपने हथेली पर मेहंदी रचवाती है, पैरों में महावर यानि अलता लगाती और सोलह सिंगार करके पूजा पर बैठती है।
हरतालिका तीज में पूजा शिव पार्वती की किया जाता है और साथ में गणेशजी की भी पूजा के लिए दो डाला सजाती है। डाला में भरने के लिए ठेकुआ यानि खास्ता और गुजिया बनाया जाता है | दोनों में एक समान फल और सिंगार का सामान रखते है। एक डाला पूजा के बाद दान किया जाता और ईच्छा के अनुसार रुपया दक्षिणा के रूप दिया जाता।