मकर संक्रांति पंचांग के अनुसार 14 जनवरी 2025 को दिन मंगलवार को मनाया जायेगा। इस दिन सूर्य देव प्रातः 08 बजकर 41 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है उस दिन मकर संक्रांति मनाया जाता है और वही जब सूर्य उत्तर दिशा की और बढ़ना शुरू करदेता है तो उसे सूर्य उत्तरायण कहते है।
इस दिन स्नान ,दान और खास पकवान बनाने का खाश महत्त्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति के जीवन में हर तरह कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति की मान्यता है। कहा जाता है की कुंडली में शनि या सूर्य की स्थिति ख़राब हो तो इस त्यौहार पर विशेष तरीके से पूजा करके इसे ठीक किया जा सकता है।
आज 13 जनवरी 2025 को लोहड़ी मनाई जायेगी। इसे मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्यौहार सर्दियों के जाने और वसंत ऋतू आने का संकेत है। लोहड़ी में पवित्र अग्नि जलाकर उसके आस पास घूमते हुए पूजा करते है। इस अग्नि में फसलों का अंश अर्पित किया जाता है। मान्यता हैं की इससे फसल देवता खुश होते है और फसल में बरकत होती है। लोहड़ी में मूंगफली रेवड़ी और पॉपकॉर्न बाटे जाते है। पंजाब और हडियाणा में लोहड़ी को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण नाम से मनाया जाता है। गुजरात में उत्तरायण बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार दो दिन तक चलता है। यहाँ पर पतंग आयोजन किया जाता है। गुजरात में उत्तरायण में गुड़ की चिक्की और उंधियू खाने का महत्व हैं।
उत्तर भारत में इस त्योहार को मकर संक्रांति और खिचड़ी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्नान के बाद दान करते है। और इस दिन तिल गुड़ मूंगफली का महत्व होता है। इस दिन खिचड़ी को उड़द दाल ,चावल और सब्जी मिक्स करके बनाते है और घी मिलाकर खाते हैं।
उत्तर भारत में में इस त्योहार को मकर संक्रांति और खिचड़ी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्नान के बाद दान करते है। और इस दिन तिल गुड़ मूंगफली का महत्व होता है। इस दिन खिचड़ी को उड़द दाल ,चावल और सब्जी मिक्स करके बनाते है और घी मिलाकर खाते हैं।